Monday, 2 January 2012

♥♥♥♥हमारी बहनें...♥♥♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥हमारी बहनें...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
हमारी बहनें हैं चांदनी सी, हमारी बहनें खिला सुमन हैं!
हमारी बहनें हैं रागिनी सी, हमारी बहनें मधुर भजन हैं!
हमारी बहनें हैं परियों जैसी, हमारी बहनें घरों की शोभा,
हमारी बहनें हैं कोकिला सी, हमारी बहनें मधुर वचन हैं!

हमारी आंखें यदि सजल हों, हमारी बहनें ही चुप करातीं!
हमारी पीड़ा में साथ आकर, हमारे संग में कदम बढ़ातीं!

हमारी बहनें सदा सुंगंधित के जैसे चन्दन घुली पवन हैं!
हमारी बहनें हैं चांदनी सी, हमारी बहनें खिला सुमन हैं.....

हमारी बहनें हमारी खातिर, खुशी भी अपनी निसार कर दें!
हमारी बहनें हमारे पथ में, गुलों की महकी बहार कर दें!
हमारी बहनें ही बांधती हैं, कलाई में धागा प्रेम वाला,
हमारी बहनें हमारे घर में, हंसी की रिमझिम फुहार कर दें!

हमारी बहनें जो हमसे छोटी, हमें वो बेटी सा प्यार देती!
हमारी बहनें बड़ी जो हमसे, वो हमको माँ सा दुलार देती!

हमारी बहनें कड़ी दुपहरी में, छांव जैसे मधुर छुअन हैं!
हमारी बहनें हैं चांदनी सी, हमारी बहनें खिला सुमन हैं.....
   
हमारी बहनें रहें सलामत, हमारी है बस यही इबादत!
हमेशा इनको करार देना, हमेशा इनकी करो हिफाजत!
कभी हमें वो दिशा दिखाकर, सही गलत का करें इशारा,
कभी न मन में द्वेष रखें, सदा ही मन में रखें मोहब्बत!

हमारी बहनें तो मित्र बनकर, हमारी पीड़ा का हल सुझातीं!
हमारी बहनें हमारे हित में, सदा ही हितकर कदम उठातीं!

हमारी बहनें हैं कोमल के जैसे मखमल का आवरण हैं!
हमारी बहनें हैं चांदनी सी, हमारी बहनें खिला सुमन हैं!"


"बहनें, कभी दोस्त बनकर हमारे सहयोग की साथी बनती हैं तो
कभी हमारे हस्त में राखी का धागा बांधकर हमारी आयु वृद्धि,
हमारे हित की कामना करती हैं! बहनें अनमोल हैं!
तो आइये बहनों को नमन करें!

"ये रचना समर्पित है फेसबुक पे मिलीं मेरी गीता दीदी, अर्चना दीदी,
सरिता दीदी और नैनी जी के लिए! नमन इन्हें!"
   
चेतन रामकिशन "देव"    दिनांक--०३.०१.२०१२