Wednesday 28 August 2013

♥♥देखना चाहता है दिल...♥♥

♥♥♥♥♥♥देखना चाहता है दिल...♥♥♥♥♥♥♥
देखना चाहता है दिल, तुमको बार बार सखी!
तू ही एहसास मेरे दिल का है, करार सखी!
जिंदगी में नहीं खुशियों की, कमी है मेरी,
जब से बख्शा है मुझे तूने, अपना प्यार सखी!

सोचके तुझको मेरे दिल को, खुशी मिलती है!
मेरी अधरों को भी तुमसे ही, हंसी मिलती है!

मंद न करना कभी प्यार की रफ़्तार सखी!
देखना चाहता है दिल, तुमको बार बार सखी…

बांसुरी की भी धुनों में, तू समाई है सखी!
तूने ही सच की मुझे, राह दिखाई है सखी!
"देव" तकदीर मेरी, जो तुम्हारा प्यार मिला,
तेरी तस्वीर ही अब, दिल में लगाई है सखी!

मैं तेरे साथ में, अपने कदम बढ़ाऊंगा!
प्यार का दीप तेरे साथ, मैं जलाऊंगा!

हर घड़ी देना मुझे, अपना तू दीदार सखी!
देखना चाहता है दिल, तुमको बार बार सखी!"

..........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक-२८.०८.२०१३