Saturday 1 June 2013

♥♥धुआं धुआं सा..♥♥

♥♥♥धुआं धुआं सा..♥♥♥♥
धुआं धुआं सा छंट जाने दो!
गम की खाई पट जाने दो!
फिर से नया सवेरा होगा ,
अंधकार को हट जाने दो!

भले फिसल कर गिर जाओ तुम,
लेकिन अपने कदम बढ़ाओ!
जीवन की अंतिम साँसों तक,
अपना साहस नहीं मिटाओ!
कभी हार है, कभी जीत है,
जीवनपथ का यही नियम है,
तुम मन में आशायें लेकर,
सही दिशा में बढ़ते जाओ!

तुम नफरत की शिरा को देखो,
अपने मन से कट जाने दो!
फिर से नया सवेरा होगा ,
अंधकार को हट जाने दो...

उम्मीदों की धवल चांदनी,
नीरसता को दूर करेगी!
और हमारी हिम्मत देखो,
हर मुश्किल को चूर करेगी!
इस दुनिया में "देव" जो हमने,
खुद को इन्सां बना लिया तो,
फिर औरों की खुशी भी देखो,
अपने मन में नूर करेगी!

अपने मन को मानवता को,
पूरी पोथी रट जाने दो!
फिर से नया सवेरा होगा ,
अंधकार को हट जाने दो!"

...चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-०२.०६.२०१३