♥♥♥♥♥♥♥♥कागजी फूल..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!
सूखती झील से पानी की, प्यास क्या रखनी!
दर्द में भी हमें रहना है, बनके जिंदादिल,
दर्द को देखके सूरत, उदास क्या रखनी!
लोग मेहनत से यहाँ जब भी काम करते हैं!
हार का देखो वो किस्सा, तमाम करते हैं!
सोच नाकामी की जीवन के, पास क्या रखनी!
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!
लूटकर घर न किसी का, कभी दौलत जोड़ो!
भूलकर भी न कभी, सच का साथ तुम छोड़ो!
"देव" जीवन में नहीं, टूटे दिल जुड़ा करते,
अपने हाथों से कभी, तुम न कोई दिल तोड़ो!
सारी दुनिया को यहाँ, प्यार तुम सिखाते रहो!
अपने दिल से चलो, नफरत को तुम मिटाते रहो!
सोच नफरत की भला, दिल के पास क्या रखनी!
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!"
..............चेतन रामकिशन "देव"..............
दिनांक-२३.०९.२०१३
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!
सूखती झील से पानी की, प्यास क्या रखनी!
दर्द में भी हमें रहना है, बनके जिंदादिल,
दर्द को देखके सूरत, उदास क्या रखनी!
लोग मेहनत से यहाँ जब भी काम करते हैं!
हार का देखो वो किस्सा, तमाम करते हैं!
सोच नाकामी की जीवन के, पास क्या रखनी!
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!
लूटकर घर न किसी का, कभी दौलत जोड़ो!
भूलकर भी न कभी, सच का साथ तुम छोड़ो!
"देव" जीवन में नहीं, टूटे दिल जुड़ा करते,
अपने हाथों से कभी, तुम न कोई दिल तोड़ो!
सारी दुनिया को यहाँ, प्यार तुम सिखाते रहो!
अपने दिल से चलो, नफरत को तुम मिटाते रहो!
सोच नफरत की भला, दिल के पास क्या रखनी!
कागजी फूलों से खुश्बू की, आस क्या रखनी!"
..............चेतन रामकिशन "देव"..............
दिनांक-२३.०९.२०१३