Monday, 19 August 2013

♥तन्हाई के बादल..♥

♥♥♥♥तन्हाई के बादल..♥♥♥♥♥
मेरी तन्हाई मुझको सताने लगी!
आज फिर जो तेरी याद आने लगी!

दिन में जलता रहा, दर्द की धूप में,
रात मुझको गमों में, डुबाने लगी!

मेरे दिल में मेरी, रूह में तू ही तू,
तू भले ही नजर, अब चुराने लगी!

लाख चेहरे बदल, लाख खुद को छुपा,
झूठ से कब, हकीक़त ठिकाने लगी!

"देव" तुमसे नहीं कोई, शिकवा गिला,
मेरी किस्मत ही दिन ये, दिखाने लगी!"

.........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक-१९.०८.२०१३