Saturday, 9 February 2013

♥प्रेम का आत्मसात..♥


♥♥♥♥♥♥प्रेम का आत्मसात..♥♥♥♥♥♥
एहसास में मैं तुमसे, मुलाकात करूँगा!
हाथों में लेके हाथ, मैं तुमसे बात करूँगा!
चाहे हो मुझसे दूर, तुम हजारों मील पर,
मैं तेरे लिए प्रेम की, बरसात करूँगा!

हँसना कभी, रोना कभी, होता है प्यार में!
पाना कभी, खोना कभी, होता है प्यार में!

तेरी याद से रौशन मैं, हर एक रात करूँगा!
एहसास में मैं तुमसे, मुलाकात करूँगा..

तेरी ही मोहब्बत से, ये एहसास पले हैं!
कुछ कांटे भी मिलें हैं, तो कुछ फूल खिले हैं!
चाहत को अपनी "देव", दबा मैं नहीं सकता,
मुझको तेरी चाहत से , ये जज्बात मिले हैं!

एहसास की दुनिया का , सफ़र खुशगवार है!
ये सच है तुमसे मिलने को, दिल बेकरार है!

मिलते ही तुमसे, तुमको आत्मसात करूँगा
एहसास में मैं तुमसे, मुलाकात करूँगा!"

............चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-०९.०२.२०१३