Wednesday 5 February 2014

♥♥अश्क़ों की बूंदों पे तेरा...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥अश्क़ों की बूंदों पे तेरा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
अश्क़ों की बूंदों पे तेरा, नाम लिखा है रोते रोते!
जान भी अब तो नहीं बची है, गँवा दिया सब खोते खोते!
असर तुम्हारा है इस दिल पर और लफ्ज़ों में तुम्ही वसी हो,
दिन में नाम पुकारा तेरा, ख्वाब तुम्हारे सोते सोते!

तुम बिन दिल में बेचैनी है, हँसने का भी मन नहीं होता!
नब्ज थमी है बिना तुम्हारे, जीवित जैसे तन नहीं होता!

फसल खुशी की उगे न दिल में, उम्र बीत गयी बोते बोते!
अश्क़ों की बूंदों पे तेरा, नाम लिखा है रोते रोते....

चेहरा उतरा, आँखे सूजी, बाल भी मेरे बिखर रहे हैं!
ख़त्म हो गई बचत खुशी की, दर्द के सिक्के निखर रहे हैं!
बिना तुम्हारे नूर नहीं है, भाव पक्ष भी जड़वत सा है,
सजे थे कल तक जिस शीशे में, आज उसी को अखर रहे हैं!

नहीं सँवरता बिना तुम्हारे, तन भी अब रूठा रहता है!
मेरी अंगूठी का नग देखो, बिना तेरा टूटा रहता है!

दर्द से झुलसा मुख न निखरे, हुए हैं घंटो धोते धोते!
अश्क़ों की बूंदों पे तेरा, नाम लिखा है रोते रोते....

कभी जरा सा वक़्त मिले तो, मेरी दुनिया में भी आना!
गोद में रखना मेरे सर को, चुपके चुपके मुझे सुलाना!
"देव" भले ही तेरे कद से, मेरी हैसियत बौनी है पर,
जब तुम मेरे पास में आओ, तो मेरे रंग में रंग जाना!

चंद लम्हों का साथ तुम्हारा, जीवन में खुशियां भर देगा!
हाथ तुम्हारा मुझको छूकर, मिट्टी को सोना कर देगा!

प्यार बनेगा अमर हमारा, धीरे धीरे होते होते!
अश्क़ों की बूंदों पे तेरा, नाम लिखा है रोते रोते!"

..................चेतन रामकिशन "देव"…..................
दिनांक-०५.०२.२०१४