Wednesday, 13 March 2013

♥♥मारक क्षमता..♥♥




♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मारक क्षमता..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
ह्रदयविदारक घटनाओं की, मारक क्षमता में वृद्धि है!
नहीं पता के इस दुनिया की, कैसी अब ये उपलब्धि है!
कमजोरों का रक्त चूसकर, लोग यहाँ पर घर भरते हैं,
लूटपाट कर महल बनाना, आखिर कैसी सम्रद्धि है!

धन दौलत की चकाचौंध में, मानवता विस्मृत कर बैठे!
आज के मानव अपने हित में, संबंधों को मृत कर बैठे!

मन ही साफ नहीं होगा तो, हवनकुंड में कब शुद्धि है!
ह्रदयविदारक घटनाओं की, मारक क्षमता में वृद्धि है...

मानवता की हत्या करके, सुखमय होना सही नहीं है!
नैतिकता और अपनेपन का, क्षय होना भी सही नहीं है!
"देव" ये सच है पीड़ादायक, दशा सभी के जीवन में हैं,
किन्तु फिर भी हिंसा की ये, जय होना भी सही नहीं है!

द्वेष भावना भड़काने को, धर्म का ये प्रचार नहीं हो!
मानव होकर मानवता पे, अब ये अत्याचार नहीं हो!

सुन्दर सोच नहीं हो सकती, जब तक ये विकृत बुद्धि है!
ह्रदयविदारक घटनाओं की, मारक क्षमता में वृद्धि है!"

..................चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-१४.०३.२०१३


♥♥फिरती नजरें..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥फिरती नजरें..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जैसे आँखों से अश्कों की, बूंदें झर झर गिर जाती हैं!
उसी तरह से अब अपनों की, नजरें देखों फिर जाती हैं!

जब भी तुम मिलते हो मुझको, एक उजाला सा होता है,
बिना तुम्हारे इस जीवन में, गम की रातें घिर जाती हैं!

कानूनों के दुश्मन हैं जो, उनका चेहरा खिला खिला है,
और यहाँ इल्जाम की चोटें, मजलूमों के सिर आती हैं!

हाँ सच है के झूठ की रंगत, बहुत लुभाती हैं आँखों को,
लेकिन एक दिन आता है जब, झूठ की परतें चिर जाती हैं!

"देव" कभी नाकामी से तुम, हाथ पे हाथ नहीं रख लेना,
मेहनत की ताकत से देखो, यहाँ बहारें फिर आती हैं!"

..................चेतन रामकिशन "देव"................
दिनांक-१३.०३.२०१३