♥♥♥♥दर्द की दुकान…♥♥♥♥♥
मुझमें थोड़ी सी जान रहने दो!
दर्द की ये दुकान रहने दो!
गा सकूँ जो मैं अपनी ग़ज़लों को,
ग़म का साजोसामान रहने दो!
फिर न करना जफ़ा किसी के संग,
दिल में इतना ईमान रहने दो!
सोने चांदी की ख्वाहिशें न मुझे,
मेरा कच्चा मकान रहने दो!
घाव लफ्ज़ों का न भरे जल्दी,
अपने वश में जबान रहने दो!
चांदनी से बदन को धो लो मगर,
दिल पे ग़म के निशान रहने दो!
"देव" मिलने पे न चुराना नजर,
आज बेशक गुमान रहने दो!"
.....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक- ०१.०४.२०१४
मुझमें थोड़ी सी जान रहने दो!
दर्द की ये दुकान रहने दो!
गा सकूँ जो मैं अपनी ग़ज़लों को,
ग़म का साजोसामान रहने दो!
फिर न करना जफ़ा किसी के संग,
दिल में इतना ईमान रहने दो!
सोने चांदी की ख्वाहिशें न मुझे,
मेरा कच्चा मकान रहने दो!
घाव लफ्ज़ों का न भरे जल्दी,
अपने वश में जबान रहने दो!
चांदनी से बदन को धो लो मगर,
दिल पे ग़म के निशान रहने दो!
"देव" मिलने पे न चुराना नजर,
आज बेशक गुमान रहने दो!"
.....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक- ०१.०४.२०१४