Tuesday 18 October 2011

♥फौजी(सच्चा पहरेदार) ♥



"♥♥♥♥♥♥फौजी(सच्चा पहरेदार) ♥♥♥♥♥♥
"देश का फौजी मेरे देश का सच्चा पहरेदार!
वो करता है शत्रु पर बिजली बनकर प्रहार!
देश की शान खातिर वो दे देता अपनी जान,
शीश झुकाकर जीने से तो, मौत उसे स्वीकार!

फौजी रातों को जगता है, तब हम लें आराम!
फौजी तुझको नमन है मेरा, है मेरा प्रणाम!

फौजी करता माँ जननी के मस्तक पर श्रंगार!
देश का फौजी मेरे देश का सच्चा पहरेदार........

लेह का दुर्गम स्थल हो या देश की सीमा रेखा!
फौजी डटकर खड़ा रहा है, अपना दुःख न देखा!
पानी के भीतर से भी करता है पहरेदारी,
और गगन में उड़कर उसने, इस भूमि को देखा!

कड़क धूप की अग्नि हो या हो फिर शीतल सर्दी!
नहीं थकी है भूख प्यास से, एक फौजी की वर्दी!

फौजी हम सब पर करता है, जीवन भर उपकार!
देश का फौजी मेरे देश का सच्चा पहरेदार........

देश का फौजी अपना गौरव, अपना स्वाभिमान!
आओ करें हम सब फौजी का प्रेम भरा सम्मान!
"देव" तुल्य होता है फौजी, रक्षित करता प्राण,
इस फौजी ने ही रखी है , माँ जननी की आन!

माँ जननी भी फौजी पर ही करती है विश्वास!
इस फौजी ने कभी न तोड़ी, माँ जननी की आस!

तिलक लगाकर हम फौजी का करें चलो सत्कार!
देश का फौजी मेरे देश का सच्चा पहरेदार!"

"फौजी- देश की धड़कन ही हैं! सीमा पर जब ये जागते हैं तब देश सोता है! सच में लाल बहादुर जी ने सच ही कहा था कि, जय जवान! जय किसान! तो आइये हम भी फौजी को सम्मान दें! -चेतन रामकिशन "देव"

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