♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥पाबन्दी...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सखी का ख़त नहीं आया, नहीं सन्देश आया है!
सखी ने अपनी खिड़की से, नहीं पर्दा हटाया है!
मुझे लगता है वो भी बंध गई पाबन्दी में शायद,
तभी तो उसने मुझको देखकर, चेहरा छुपाया है!"
................चेतन रामकिशन 'देव"................
No comments:
Post a Comment