" आवाज मेरे मन की " " Voice of My Mind "
Thursday, 3 July 2014
"
ख़ून बहे न मज़लूमों का, हर कोई ख़ुशहाल रहे बस,
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, द्वारा, हर इंसा की दुआ यही हो! "
.......................चेतन रामकिशन "देव".........................
दिनांक-०४.०७ २०१४
2 comments:
कविता रावत
said...
आमीन!
3 July 2014 at 23:40
chetan ramkishan "dev"
said...
"
आभार,
सम्मानित कविता जी "
4 July 2014 at 07:49
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2 comments:
आमीन!
"
आभार,
सम्मानित कविता जी "
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