♥♥♥मुफ़लिस का रोना..♥♥♥♥♥
ये सैलाब नहीं बस मेरी आंखों का,
इस सैलाब में हर मुफ़लिस का रोना है!
मुफ़लिस का जीवन कटता है इस तरहा,
जैसे अपनी लाश को जिन्दा ढोना है!
नेता कुछ दिन में ही अरबपति बनते,
लगे सियासत में कोई जादू-टोना है!
मुफ़लिस की उम्मीद को हर कोई तौड़े,
हर सरकार का कद पहली से बौना है!
"देव" न जाने मुफ़लिस कब तक रोएगा,
जाने कब तक उसके साथ ये होना है!"
"
देश में दिन प्रतिदिन निर्धनता बढती जा रही है!
इस देश में नेता महीनों में अरबपति हो जाते हैं! इस देश में उद्योगपति महीनों में अरबपति हो जाते हैं, और निर्धन, मजदूर, किसान उम्र के पूरे ६०-७० साल में भी लखपति नहीं हो पाता! कितनी भयावह दशा है, तो आइये चिंतन करें! "
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०५.०४.२०१२
सर्वाधिकार सुरक्षित!
रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!
1 comment:
"देव" न जाने मुफ़लिस कब तक रोएगा,
जाने कब तक उसके साथ ये होना है!"
sundar bhaw bhari abhiwyakti
mufalisi ka sidha chitran.
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