♥♥♥♥♥प्यार में दूरी..♥♥♥♥♥♥
जब तू आँखों से मेरी दूर चला जाता है!
हो हवा तेज भी पर साँस नहीं आता है!
मेरे आंसू भी इस तरह से यार बहते हैं,
जैसे के बाढ़ में, सैलाब उमड़ आता है!
वो भी चाहता है मेरे आसपास ही रहना,
काम हर रोज मगर कोई निकल आता है!
प्यार में दूरियां करती हैं इस कदर तन्हा,
एक दिन भी यहाँ बरसों की तरह आता है!
"देव" आता है लौटकर तो ऐसे मिलता है,
जैसों बरसों का गया लौटके घर आता है!
"महबूब के बिना सब कुछ सूना सूना लगता है! एक दिन भी सालों जैसा लगता है, आंसू भी आते हैं, नींद तो आती ही नहीं, पर
जब मिलन होता है तो प्रेम पहले से भी ज्यादा होता है! वाकई प्रेम बड़ा अनमोल है, तो आइये प्रेम करें!
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०४.०४.२०१२
सर्वाधिकार सुरक्षित
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