Friday, 15 May 2015

♥♥हालात...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥हालात...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
न फिसल जाऊं, इसका डर है मुझे।
अपने हालात की खबर है मुझे।

मेरी आँखों में वो समाई है,
प्यार की आज भी, कदर है मुझे।

जलजले ने भले उजाड़ दिया,
आज भी प्यारा मेरा, घर है मुझे।

मुझको अमृत दिखाके न छेड़ो,
हाँ जहर पीने का, हुनर है मुझे।

रात भर चाँद से मुलाकातें,
धूप भी दिन में बेअसर है मुझे।

तूने रस्ते में मुझको छोड़ा मगर,
आज भी तेरी ही, फिकर है मुझे।

"देव "  हर रोज तेरी राह तकूं,
तुम न आओगे ये, खबर है मुझे। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १५ .०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "

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