Sunday, 8 May 2011

♥अजनबी से मोहब्बत ♥♥♥, ♥ ♥ ♥ ♥ stranger love ♥ ♥ ♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥अजनबी से मोहब्बत ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
" अधूरा हूँ मगर एक ख्वाब मैं, सजा रहा हूँ!
  एक अजनबी से, मगर प्यार मैं निभा रहा हूँ!

    मुझे पता है के नफरत से, नहीं मिलता है कुछ,
    बस इसलिए ही मोहब्बत, मैं सिखा रहा हूँ!

यही यकीन है मुझको, कभी मानेगा वो,
उसको चाहत का आईना, मैं दिखा रहा हूँ!

  उसकी सूरत भी चिरागों की तरह, रोशन है,
  बस उसे देखकर अंधेरा, मैं मिटा रहा हूँ!

है मगर "देव" तुम्हीं से, मुझे प्यार बहुत,
बस इसलिए ही उसे खुदा , मैं बना रहा हूँ!"
" प्रेम, एक एहसास है! किसी के दूर होने के बाद भी प्रेम किया जा सकता है! क्यूंकि प्रेम देश और धर्म के बन्धनों से मुक्त है! तो आईये शुद्ध प्रेम करें- चेतन रामकिशन (देव)"


♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ stranger love ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ 
"'m Incomplete but a dream I've been punished! 
  By a stranger, but I am loving! 

    I hate to not get something 
    Just because the love, I'm teaching! 

That sure me, never will believe it, 
Wish her the mirror, I'm showing! 

  Her face, like the lamp, is lighted, 
  Just seeing her dark, I'll erase! 

But "Dev" only you, I love a lot, 
Just because her God, I'm making! " 

"love is a feeling! anyone can be love after being away! because love of country andreligion is loose! then come to pure love - chetan ramkishan (Dev)"



  
   

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