Monday 15 August 2011

♥♥प्रेमिका( पथ प्रदर्शक)♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेमिका( पथ प्रदर्शक)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥

'मैंने प्यार किया है जिससे, वो अनमोल परी है!
मेरी खुशियों की है जननी, प्रेम भरी गगरी है!

वो मेरे सपनो में वसती , मन में है इठलाती!
कौन गलत है, कौन सही है मुझको है समझाती!
दिवा स्वप्न बनकर आँखों में मकसद पूरा करती!
मेहनत से मिलती है मंजिल मुझको है बतलाती!

मिश्री सी मीठी है वो, चंदा जैसी निखरी है!
मेरी खुशियों की है जननी, प्रेम भरी गगरी है. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥

अभिमान का शब्द नहीं है, कोमल हृदय रखती!
तेज गमों की धूप में वो, बनकर साया है ढकती!
कैसे होता है आदर, सम्मान मुझे दिखलाती!
मेरे आने की आहट में भरी दोपहरी जलती!

चन्दन सी शीतल है वो, चांदी जैसी उजरी है!
मेरी खुशियों की है जननी, प्रेम भरी गगरी है. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥

अंधकार का नाम नहीं है, हर पल है वो ज्योति!
मेरे मन की सोच कलुषित, गंगाजल से धोती!
मेरे जीवन की पुष्पा है, "देव" की रात सुनहरी,
जुल्फें उसकी घनी मुलायम, आंखें जैसी मोती!

शबनम की बूंदों के जैसे, फूल फूल बिखरी है!
मेरी खुशियों की है जननी, प्रेम भरी गगरी है. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥

"शुद्ध प्रेम मानव की सोच को उन्नत करते हुए, जीवन को आदर्शवादी अस्तित्व प्रदान करता है! तो,आइये  तो प्रेम करें और इन पलों की अनुभूति करें!-चेतन रामकिशन(देव)"

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