Monday 26 December 2011

♥प्रेम का रोशन दीया बुझाना....♥

♥♥♥♥♥♥♥प्रेम का रोशन दीया बुझाना....♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्रेम की चाहत बड़ी सरल है, बहुत कठिन है प्रेम निभाना!
आज तो लगने लगता देखो, कुछ दिन में ही प्रेम पुराना!

जन्म-जन्म मिलने के वादे, एक पल में खंडित करते हैं!
अपने मतलब की ख्वाहिश में, प्रेम को ये दंडित करते हैं!

इन लोगों को आसां लगता, प्रेम का रोशन दीया बुझाना!
प्रेम की चाहत बड़ी सरल है, बहुत कठिन है प्रेम निभाना!"
-------------------चेतन रामकिशन "देव"-------------------------





1 comment:

Kailash Sharma said...

सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति..