Wednesday 11 April 2012

♥कौमी एकता..♥♥


♥♥♥♥कौमी एकता..♥♥♥♥
उम्मीदों को पंख लगाने आया हूँ!
सरहद की दीवार गिराने आया हूँ!

हिन्दू-मुस्लिम से प्यारे होते इन्सां,
मैं मजहब की आग बुझाने आया हूँ!

मुल्कों की जागीर नहीं हैं रास मुझे,
मैं चाहत का जहाँ वसाने आया हूँ!

नहीं चाहिए मुझको बम, बारूद कोई,
मैं फूलों की खेप बिछाने आया हूँ!

"देव" ये सच है मैं हूँ एक पंछी लेकिन,
मानवता का पाठ पढ़ाने आया हूँ!"

........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक--११.०४.२०१२

1 comment:

S.N SHUKLA said...

सार्थक और सामयिक प्रविष्टि, आभार.