♥♥♥♥♥प्यार का दीप जला दें हम..♥♥♥♥♥
आओ दिल से दिल का मिलन करा दें हम ,
सारे जग को प्यार का सबक सिखा दें हम !
नहीं किसी ने नफरत से कुछ पाया कभी ,
आओ नफरत का यह महल गिरा दें हम !
भीड़ से हटकर आज अपनी पहचान बने ,
इस दुनियां को आओ स्वर्ग बना दें हम !
जिस मिटटी में यारो हमने जन्म लिया,
माथे का अब उसको तिलक बना दें हम!
“देव” झूठ का तम न व्यापक हो पाए,
घर घर प्यार का दीपक आज जला दे हम! "
चेतन रामकिशन "देव"-----------रचना संपादन-माँ प्रेमलता जी!
दिनांक-१४.०६.२०१२
आओ दिल से दिल का मिलन करा दें हम ,
सारे जग को प्यार का सबक सिखा दें हम !
नहीं किसी ने नफरत से कुछ पाया कभी ,
आओ नफरत का यह महल गिरा दें हम !
भीड़ से हटकर आज अपनी पहचान बने ,
इस दुनियां को आओ स्वर्ग बना दें हम !
जिस मिटटी में यारो हमने जन्म लिया,
माथे का अब उसको तिलक बना दें हम!
“देव” झूठ का तम न व्यापक हो पाए,
घर घर प्यार का दीपक आज जला दे हम! "
चेतन रामकिशन "देव"-----------रचना संपादन-माँ प्रेमलता जी!
दिनांक-१४.०६.२०१२
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