♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥जीवन पथ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जिनसे दिल को ठेस लगे, कुछ ऐसे मंज़र आते हैं!
आँखों के सब सपने देखो, पल भर में ही खो जाते हैं!
जो दावे करते हैं अक्सर, राहों से कांटे चुनने के,
वही लोग न जाने कैसे, पथ में कंटक बो जाते हैं!
धन दौलत वालों को बेशक, डर से नींद नहीं आती हो,
लेकिन मेहनतकश तो देखो, सड़कों पे भी सो जाते हैं!
ये सच है के अब अपनों में, अपनायत की कमी हुई है,
लेकिन फिर भी गैर देखिए, संग साथ में रो जाते हैं!
"देव" मेरे शब्दों को देखो, मेरे दुःख का अंदाजा है,
जब भी मेरे आंसू बहते, ये भी गुमसुम हो जाते हैं!"
...................चेतन रामकिशन "देव"....................
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