Friday, 5 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥प्यारा मुखड़ा.. ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बड़ा ही प्यारा मुखड़ा तेरा, सुन्दर है मुस्कान!
तू ही धड़कन मेरे दिल की, तू ही तन की जान!

नयन तुम्हारे बड़े ही प्यारे, मन को भाते केश!
बड़े ही सुन्दर लगते तुम पर, रंग बिरंगे वेश!
झुमकों के मोती भी, देखो बढ़ा रहे हैं रंग,
और तुम्हारी वाणी में है, न हिंसा, न द्वेष!

तुम सरिता जैसी निर्मल हो, फूलों सी नादान!
बड़ा ही प्यारा मुखड़ा तेरा, सुन्दर है मुस्कान!"

................चेतन रामकिशन"देव"................


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