♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम की पाठशाला ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
नहीं गणित है, न अंग्रेजी, प्रेम कोई प्रमेय नहीं है!
रंग भेद की दुर्नीति सा, कोई प्रेम में हेय नहीं है!
प्रेम की भाषा मधुर है सबसे, इसका सीमित क्षेत्र नहीं है!
वो भी समझे छुअन प्रेम की, जिसके मस्तक नेत्र नहीं हैं!
प्रेम धवल करता है मन को, इसका दूषित ध्येय नहीं है!
नहीं गणित है, न अंग्रेजी, प्रेम कोई प्रमेय नहीं है!"
............. (चेतन रामकिशन "देव") ..................
नहीं गणित है, न अंग्रेजी, प्रेम कोई प्रमेय नहीं है!
रंग भेद की दुर्नीति सा, कोई प्रेम में हेय नहीं है!
प्रेम की भाषा मधुर है सबसे, इसका सीमित क्षेत्र नहीं है!
वो भी समझे छुअन प्रेम की, जिसके मस्तक नेत्र नहीं हैं!
प्रेम धवल करता है मन को, इसका दूषित ध्येय नहीं है!
नहीं गणित है, न अंग्रेजी, प्रेम कोई प्रमेय नहीं है!"
............. (चेतन रामकिशन "देव") ..................
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