Friday, 2 November 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥तुम्हारा साथ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम्हारे साथ होने से, मेरा दुःख क्षीण होता है!
तुम्हारे प्रेम की उर्जा से, मन प्रवीण होता है!

तुम्हारे प्रेम की शक्ति, मुझे बलवान करती है!
मुझे आगे बढाती है, मुझे गुणवान करती है!
तुम्हारे प्रेम की शैली, किताबों सी सुधारक है,
उजाला हमको देती है, तिमिर जीवन से हरती है! 

तुम्हारे प्रेम के सत्संग में, ये मन लीन होता है!
तुम्हारे साथ होने से, मेरा दुःख क्षीण होता है!"

.............. (चेतन रामकिशन "देव") ...............

1 comment:

संगीता पुरी said...

सही अभिव्‍यक्ति ..