Monday, 3 December 2012

♥♥सवेरा♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सवेरा♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
रात भर माँ की दुआओं का असर होता रहा!
दर्द में भी जो बड़े चैन से मैं सोता रहा!

उसके ही ख्वाब हकीक़त का सफ़र पाते हैं,
ख्वाब की चाह में जो अपनी नींद खोता रहा!

एक पल में ही यहाँ देखो बदलती किस्मत,
आज वो हँसता है, जो सारी उम्र रोता रहा!

उसके ही दिल में प्यार की फसल जवान हुई,
प्यार के बीज जो दिल की जमीं में बोता रहा! 

मुझे भी दर्द है पर "देव" मैं मायूस नहीं,
रात के बाद सवेरा भी यहाँ होता रहा!"

..............चेतन रामकिशन "देव"..................




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