♥♥♥♥♥♥♥♥♥सहारा..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गमगीन जिंदगी को सहारा दिया तुमने!
भटकी हुई कश्ती को किनारा दिया तुमने!
तुमने ही जगाईं हैं, मेरे दिल में आरजू,
मुझको कभी चंदा, कभी तारा दिया तुमने!
जीवन को मेरे, प्यार के रंगों से सजाया!
तुमने ही अँधेरे में सखी, दीप जलाया!
पतझड़ को भी जाने का, इशारा दिया तुमने!
गमगीन जिंदगी को सहारा दिया तुमने!
अधरों से तेरे, प्यार भरे गीत सुनूँगा!
उपवन से तेरे वास्ते, कुछ फूल चुनूँगा!
हाँ सच है सखी, रूबरू तुमसे नहीं हुआ,
पर मिलने के तुमसे, मैं सदा ख्वाब बुनूँगा!
किस्मत से मेरी "देव", ये उपहार मिला है!
जीवन में तेरे प्यार से, हर रंग खिला है!
झुकती हुई डाली का, सहारा दिया तुमने!
गमगीन जिंदगी को सहारा दिया तुमने!"
............चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-३१.०१.२०१३
1 comment:
गमगीन जिंदगी को सहारा दिया तुमने!
भटकी हुई कश्ती को किनारा दिया तुमने!
तुमने ही जगाईं हैं, मेरे दिल में आरजू,
मुझको कभी चंदा, कभी तारा दिया तुमने!---बहुत सुन्दर
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