Sunday 24 February 2013

♥शब्द(मेरी आवाज)♥


♥♥♥♥♥शब्द(मेरी आवाज)♥♥♥♥♥♥♥
ये शब्द मेरे दर्द की, आवाज बन गए!
ये शब्द मोहब्बत का, नया साज बन गए!
इन शब्दों की दौलत से, मुझे प्यार बहुत है,
ये शब्द ही कल में थी, यही आज बन गए!

देते हैं खुशी तो ये, कभी आंख को पानी!
बिन इनके अधूरी है ये, जीवन की कहानी!

ये शब्द मेरी जिंदगी का, नाज़ का बन गए!
ये शब्द मेरे दर्द की, आवाज बन गए...

ये शब्द हैं गीतों में, सजे हैं ये गज़ल में!
ये शब्द निराशा में, कभी होते हैं बल में!
इन शब्दों से वाचन है "देव", इनसे ही लेखन,
ये शब्द ही सच में तो, यही होते हैं छल में!

शब्दों ने यहाँ प्यार का, एहसास लिखा है!
शब्दों ने ही देखो यहाँ, इतिहास लिखा है!

ये शब्द चांदनी का, नया ताज बन गए!
ये शब्द मेरे दर्द की, आवाज बन गए!"

........चेतन रामकिशन "देव".........
दिनांक-२४.०२.२०१३

3 comments:

कालीपद "प्रसाद" said...

उमंग तरंग उठते है दिल में, तरंग देत है आवाज
आवाज ही शब्द रूप है, भाव को करता प्रकाश
latest postमेरे विचार मेरी अनुभूति: मेरी और उनकी बातें

Blogvarta said...

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Anju (Anu) Chaudhary said...

ये शब्द जो अपने दिल की जुबां बन गए ...