Thursday, 28 February 2013

♥♥तौर-तरीका.♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥तौर-तरीका.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मैं अपने हाथों से अपने, ख्वाब नहीं तोड़ा करता हूँ!
भले दर्द है पर खुशियों की, आस नहीं छोड़ा करता हूँ!
इस दुनिया में तनहा रहना, बेहतर है झूठी चाहत से,
इसीलिए झूठे लोगों से, साथ नहीं जोड़ा करता हूँ!

यही हमारा तौर-तरीका, इसी तरह मैं जी पाता हूँ!
सीने में गम रखकर भी मैं, साँझ सवेरे मुस्काता हूँ!

जो न समझे मानवता को, उससे मुंह मोड़ा करता हूँ!
मैं अपने हाथों से अपने, ख्वाब नहीं तोड़ा करता हूँ....

जिनको अपने सुख की इच्छा, जिनको अपनी खुशियाँ प्यारी!
उनसे तो दूरी अच्छी है, नहीं चाहिए उनकी यारी!
इस दुनिया की भीड़ में देखो, "देव" उसी का नाम हुआ है,
जिसने अपने लक्ष्य की खातिर, गलत काम की इच्छा मारी!

मैं विरह में रहता हूँ पर, मिलन की आशा नहीं त्यागता!
साथ हमेशा चलूँ वक्त के, आगे-पीछे नहीं भागता!

कभी किसी प्यासे के घर का, घड़ा नहीं फोड़ा करता हूँ!
मैं अपने हाथों से अपने, ख्वाब नहीं तोड़ा करता हूँ!"

.................चेतन रामकिशन "देव"...................
दिनांक-२८.०२.२०१३


1 comment:

दिल की आवाज़ said...

कभी किसी प्यासे के घर का, घड़ा नहीं फोड़ा करता हूँ!
मैं अपने हाथों से अपने, ख्वाब नहीं तोड़ा करता हूँ!"

बहुत सुन्दर भाव ...