♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥गहरा समुन्दर..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
समुन्दर हो भले गहरा, किनारा मिल ही जाता है!
मेरी माँ की दुआओं से, सहारा मिल ही जाता है!
कभी दिल की निगाहों से, जरा देखो तो अम्बर में,
यहाँ तकदीर का अपनी, सितारा मिल ही जाता है!
भले है भीड़ गैरों की, भले रंजिश हजारों हैं,
मगर फिर भी कोई, फूलों सा प्यारा मिल ही जाता है!
कभी हारो नहीं हिम्मत, न खुद को लड़खड़ाने दो,
यहाँ मेहनत से खुशियों का, नजारा मिल ही जाता है!
हमेशा दर्द को अपने, बड़ा तुम "देव" न समझो,
सभी की आंख में आंसू, ये खारा मिल ही जाता है!"
...................चेतन रामकिशन "देव".................
( १७.०३.२०१३)
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