♥♥♥♥♥♥♥♥♥जिंदा लाश..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दर्द के डर से कभी, जिंदा लाश मत होना!
देखकर गम को कभी, तुम उदास मत होना!
लोग तुमसे जो, यहाँ दूरी बना लें यारों,
झूठ का तुम कभी, ऐसा लिबास मत होना!
जिंदगी एक ही रिश्ते पे, खत्म होती नहीं,
कोई जाए भी मगर, तुम निराश मत होना!
चंद सिक्कों के लिए बेच दो, ईमान तलक,
अपनी इच्छाओं के, इतने भी दास मत होना!
"देव" जीवन में कभी हार, कभी जीत मिले,
हार जाओ भी मगर, तुम हताश मत होना!"
............चेतन रामकिशन "देव"...........
( २०.०३.२०१३)
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