♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥होश..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
होश में रहना जरुरी है, हिफाजत के लिए!
मार देंगे वो हमें वरना, सियासत के लिए!
ये है हिन्दू,ये मुसलमा,ये इसाई है यहाँ,
बाँट हमने तो लिया ,खुद को इबादत के लिए!
फोड़ दो आँखे जो देखे हवस के अंदाज़ में ,
वरना पछताओगे तुम, अपनी शराफत के ले लिए!
फिक्र है किसको यहाँ पर मुल्क के जज्बात की,
लोग बनते हैं यहाँ नेता, तिजारत के लिए!
"देव" तुम जबसे मेरे दिल, की डगर पे आये हो,
जिंदगी लगती है कम ,मुझको मोहब्बत के लिए!"
...............चेतन रामकिशन "देव".................
दिनांक-२५.०३.२०१३
1 comment:
बहुत बढ़िया ग़ज़ल....
बेहद सार्थक भाव लिए ...
सादर
अनु
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