♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेरी होली..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चाँद से ली है धवल चांदनी, सूरज से लाली लाया हूँ!
मैं होली पर तुझे भिगोने, बादल से पानी लाया हूँ!
सखी तेरी सुन्दर आँखों में, गहरा काजल भर दूंगा मैं!
सखी तेरे प्यारे चेहरे पर, रंग प्यार का मल दूंगा मैं!
सखी तुम्हारे माथे पर मैं, तिलक लगाऊंगा रोली का,
और तुम्हे तुलसी की भांति, "देव" मानकर जल दूंगा मैं!
बाहर से भी खिला खिला हूँ, भीतर से भी मुस्काया हूँ!
चाँद से ली है धवल चांदनी, सूरज से लाली लाया हूँ!"
...................चेतन रामकिशन "देव"...................
दिनांक-२५.०३.२०१३
2 comments:
चाँद से ली है धवल चांदनी, सूरज से लाली लाया हूँ!
मैं होली पर तुझे भिगोने, बादल से पानी लाया हूँ!
बहुत बढ़िया ,होली की शुभकामनाएं
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बहुत सराहनीय प्रस्तुति.होली की शुभकामनाएं
ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है.
मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है
चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है
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