Sunday, 3 March 2013

♥♥मेरी तस्वीर.♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेरी तस्वीर.♥♥♥♥♥♥♥♥
तस्वीर मेरी दिल में, वसाकर तो देखिये!
तुम प्यार का एक दीप, जलाकर तो देखिये!

जलती हुए आँखों को भी, मिल जाएगी ठंडक,
तुम गीत के यहाँ, प्यार के गाकर तो देखिये!

हिन्दू नहीं, मुस्लिम, तुम्हें इन्सान मिलेगा,
नफरत की ये दीवार, गिराकर तो देखिये!

दिल भी करार पायेगा और रूह भी सुकूं,
रोटी किसी भूखे को, खिलाकर तो देखिये!

न "देव" घुटन दिल में, कोई अपने रहेगी,
तुम सच को यहाँ, सच ही बताकर तो देखिये!"
...........चेतन रामकिशन "देव"............
दिनांक-०३.०३.२०१३

4 comments:

Dinesh pareek said...

बहुत खूब सुन्दर लाजबाब अभिव्यक्ति।।।।।।

मेरी नई रचना
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?

ये कैसी मोहब्बत है

कविता रावत said...

दिल भी करार पायेगा और रूह भी सुकूं,
रोटी किसी भूखे को, खिलाकर तो देखिये!
..सच जो सुख अपने खुद के छोटे से प्रयास में मिल सकता है वह और किसी में नहीं ...
...बहुत ही बढ़िया प्रेरक रचना .....

बृजेश नीरज said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।

बृजेश नीरज said...
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