♥तुम्हारा सम्बन्ध..♥
ह्रदय के स्पंदन में हो!
तुम पूजा में, वंदन में हो!
तुमसे ही जीवन में उर्जा,
तुम जीवन के हर क्षण में हो!
मीत तुम्हीं हो, जीत तुम्हीं हो!
मेरे मन की प्रीत तुम्हीं हो!
हर मौसम की रंगत तुमसे,
तुम ही बारिश, शीत तुम्हीं हो!
हरियाली के हरे रंग में,
तुम फसलों में, तुम वन में हो!
तुमसे ही जीवन में उर्जा,
तुम जीवन के हर क्षण में हो...
तुम गीतों का भाव पक्ष हो,
तुम शब्दों का अलंकार हो!
तुम यमुना का शीतल पानी,
तुम गंगा की मधुर धार हो!
तुम्ही हमारी स्मरण शक्ति,
तुम्ही "देव" के यौवन में हो!
तुमसे ही जीवन में उर्जा,
तुम जीवन के हर क्षण में हो!"
....चेतन रामकिशन "देव"....
दिनांक-३१.०३.२०१३
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