Friday, 12 April 2013

♥♥सितारों की लड़ी..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सितारों की लड़ी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गगन के चाँद सी सुन्दर, सितारों की लड़ी हो तुम!
तुम्ही पायल की छम छम में, अंगूठी में जड़ी हो तुम!

हो मुझसे दूर मीलों पर, हमेशा पास लगती हो!
मेरे ख्वाबों का तुम देखो, जवां एहसास लगती हो!
सुनो ए "देव" मैं तुम बिन, कभी खुश हो नहीं सकता,
तुम्हीं सारे ज़माने में, मुझे बस ख़ास लगती हो!

मेरे दुख में, मेरे गम में, मेरे संग में खड़ी हो तुम!
गगन के चाँद सी सुन्दर, सितारों की लड़ी हो तुम!"

...........चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-१२.०४.२०१३

2 comments:

Tamasha-E-Zindagi said...

वाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर रचना | नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Guzarish said...

बहुत सुंदर चित्रण
''नवरात्र ''भाग 1