♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल के टुकड़े .♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
किसी के दिल के टुकड़े करके, जिसे कोई अफसोस नहीं है!
जिसको अपने अभिमान पर, तनिक भी कोई रोष नहीं है!
ऐसे लोग कहाँ दुनिया में, दे सकते हैं प्यार मनुज को,
जिनके मन में मानवता का, किंचित भर भी कोष नहीं है!
भले ही खुद को अच्छा समझें, पर ये लोग नहीं हितकारी!
इन लोगों के अपने हित को, जब चाही मानवता मारी!
नहीं सुरक्षा दे सकता वो, जिसको खुद का होश नहीं है!
किसी के दिल के टुकड़े करके, जिसे कोई अफसोस नहीं है..
प्यार को कदमों तले कुचलकर, प्यार भरा लेखन न करना!
इस दुनिया में बुत से ज्यादा, मानवता का पूजन करना!
"देव" जहाँ में एटम बम से, लड़कर कुछ न मिल पायेगा,
अपने हित में अंधे होकर, मानव का शोषण न करना!
जो मजहब से ऊपर उठकर, मानवता साबित करते हैं!
वही लोग देखो दुनिया में, हर मानव का हित करते हैं!
कैसे कह दूँ किस्मत है ये, उन लोगों का दोष नहीं है!
किसी के दिल के टुकड़े करके, जिसे कोई अफसोस नहीं है!"
.........................चेतन रामकिशन "देव".........................
दिनांक-२८.०४.२०१३
1 comment:
बहुत खूब! सुन्दर और लाजवाब लेखन | आनंदमय और बहुत ही सुन्दर, सुखद अभिव्यक्ति विचारों की | पढ़कर प्रसन्नता हुई | आभार
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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