♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥गगन का सूर्य .♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गगन का सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो!
मोहब्बत का दीया बनकर, जहाँ में प्यार तुम भर दो!
बनो ऐसे के दुनिया में, खुशी दे पाओ लोगों को,
जो मरकर याद आओ तुम, यहाँ खुद को अजर कर दो!
गमों की आंच में तपकर, हमें हिम्मत बढ़ानी है!
कभी हँसना है जोरों से, कभी आँखों में पानी है!
जो तुम छा जाओ दुनिया पर, चलो ऐसा हुनर कर दो!
गगन के सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो...
बनाकर दिल को पत्थर सा, नहीं इंसान बन सकते!
किसी मुफलिस के चेहरे की, नहीं मुस्कान बन सकते!
जरा तुम "देव" खुद को आईने में, झांककर देखो,
सफर काँटों के मेहनत बिन, नहीं आसान बन सकते!
कभी तुम हार के डर से, इरादे तोड़ न देना!
कभी हाथों से मेहनत के हुनर को, छोड़ न देना!
निशां बन जायें कदमों के, चलो इतना असर कर दो!
गगन के सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो!"
....................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-२९.०५.२०१३
गगन का सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो!
मोहब्बत का दीया बनकर, जहाँ में प्यार तुम भर दो!
बनो ऐसे के दुनिया में, खुशी दे पाओ लोगों को,
जो मरकर याद आओ तुम, यहाँ खुद को अजर कर दो!
गमों की आंच में तपकर, हमें हिम्मत बढ़ानी है!
कभी हँसना है जोरों से, कभी आँखों में पानी है!
जो तुम छा जाओ दुनिया पर, चलो ऐसा हुनर कर दो!
गगन के सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो...
बनाकर दिल को पत्थर सा, नहीं इंसान बन सकते!
किसी मुफलिस के चेहरे की, नहीं मुस्कान बन सकते!
जरा तुम "देव" खुद को आईने में, झांककर देखो,
सफर काँटों के मेहनत बिन, नहीं आसान बन सकते!
कभी तुम हार के डर से, इरादे तोड़ न देना!
कभी हाथों से मेहनत के हुनर को, छोड़ न देना!
निशां बन जायें कदमों के, चलो इतना असर कर दो!
गगन के सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो!"
....................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-२९.०५.२०१३
2 comments:
बहुत प्रेरणा दायक रचना
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
अनुभूति : विविधा -2
latest post: बादल तू जल्दी आना रे!
बेहद प्रेरणादायक रचना आदरणीय .... सादर
निशां बन जायें कदमों के, चलो इतना असर कर दो!
गगन के सूर्य बन जाओ, उजाला हर तरफ कर दो!"
Post a Comment