Tuesday 25 June 2013

♥♥विश्वास ...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥विश्वास  ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
रिश्ता चाहें जो भी हो पर, है उसमें विश्वास जरुरी!
प्यार की दूरी कितनी हो पर, है उसमें एहसास जरुरी!
मानवता के पथ पे देखो, अच्छाई इतनी आवश्यक,
जैसे भू के सिरहाने पर, होता है आकाश जरुरी!

जो बस अपने हित की सोचें, वो मानवता खाक करेंगे!
जिनके मन में पाप भरा हो, वो क्या जग को पाक करेंगे!

मानवता में एक दूजे की, पीड़ा का आभास जरुरी!
रिश्ता चाहें जो भी हो पर, है उसमें विश्वास जरुरी....

झूठ बोलकर जो औरों के, दामन को गंदा करते हैं!
जो खुद होकर झूठ के पुतले, औरों की निंदा करते हैं!
"देव" जहाँ में उन लोगों को, एक दिन पछताना होता है,
जो मुफलिस का खून बेचकर, बस अपना धंधा करते हैं!

ऐसे लोगों ने ही जग में, मानवता को क्षीण किया है!
दुनिया को अँधेरा देकर, अपना घर प्रवीण किया है!

ऐसे लोगों से दूरी को, हर पल है प्रयास जरुरी!
रिश्ता चाहें जो भी हो पर, है उसमें विश्वास जरुरी!"

..................चेतन रामकिशन "देव"................
दिनांक-२६.०६.२०१३

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