♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रीत के बादल..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी!
फूलों की खुश्बू लायी है, तेरे प्यार की मधुर निशानी!
सखी जहाँ में प्रेम से बढ़कर, कोई भी सम्बन्ध नहीं है,
मरकर भी जीवित रहती है, ये रूहों की प्रेम कहानी!
मेरी किस्मत अच्छी है जो, सखी तुम्हारी प्रीत मिली है!
सखी तुम्हारी प्रीत से मुझको, हर मंजिल पे जीत मिली है!
प्रेम बिना सब कुछ सूना है, सबको है ये बात बतानी!
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी..
बिना प्रीत के कोई दौलत, किसी का आँचल भर नहीं सकती!
ये दुनिया कोशिश करके भी, जुदा रूह को कर नहीं सकती!
"देव" जहाँ में मिलना ही बस, प्यार की मौलिक शर्त नहीं है,
सखी प्रेम की नातेदारी, बिना मिले भी मर नहीं सकती!
सखी प्रेम की आंखे पाकर, जग मनभावन हो जाता है!
सखी प्रेम का धारण करके, मन भी पावन हो जाता है!
सखी हमें एक दूजे के संग, ख्वाबों की बारात सजानी!
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी!"
...................चेतन रामकिशन "देव".......................
दिनांक-१७.०६.२०१३
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी!
फूलों की खुश्बू लायी है, तेरे प्यार की मधुर निशानी!
सखी जहाँ में प्रेम से बढ़कर, कोई भी सम्बन्ध नहीं है,
मरकर भी जीवित रहती है, ये रूहों की प्रेम कहानी!
मेरी किस्मत अच्छी है जो, सखी तुम्हारी प्रीत मिली है!
सखी तुम्हारी प्रीत से मुझको, हर मंजिल पे जीत मिली है!
प्रेम बिना सब कुछ सूना है, सबको है ये बात बतानी!
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी..
बिना प्रीत के कोई दौलत, किसी का आँचल भर नहीं सकती!
ये दुनिया कोशिश करके भी, जुदा रूह को कर नहीं सकती!
"देव" जहाँ में मिलना ही बस, प्यार की मौलिक शर्त नहीं है,
सखी प्रेम की नातेदारी, बिना मिले भी मर नहीं सकती!
सखी प्रेम की आंखे पाकर, जग मनभावन हो जाता है!
सखी प्रेम का धारण करके, मन भी पावन हो जाता है!
सखी हमें एक दूजे के संग, ख्वाबों की बारात सजानी!
तेरे प्यार के बादल उमड़े, बरस रहा है रिमझिम पानी!"
...................चेतन रामकिशन "देव".......................
दिनांक-१७.०६.२०१३
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