♥♥♥♥♥♥चाँद से सुन्दर..♥♥♥♥♥
तु मिली है मुझे मेरी तकदीर से,
अच्छे लोगों की वरना कमी है बहुत!
लोग तो चाँद को, यूँ ही सुन्दर कहें,
वरना तू चाँद से भी, हसीं है बहुत!
भीगकर मेरा मन, मेरा तन झूमता,
ये मोहब्बत की बारिश, घनी है बहुत!
एक पल को भी, तू दूर जाना नहीं,
मेरी आँखों में तुम बिन, नमी है बहुत!
न सताओ मुझे, अब तो आ जाओ तुम,
रात अपने लिए ही, थमी है बहुत!
तू मिली तो मुझे, देख ऐसा लगा,
मेरी तकदीर सच में, धनी है बहुत!
"देव" तुम बिन, मुझे कुछ नहीं चाहिए,
तुमसे ही मेरी दुनिया, बनी है बहुत!"
........चेतन रामकिशन "देव"........
दिनांक-३०.०६.२०१३
तु मिली है मुझे मेरी तकदीर से,
अच्छे लोगों की वरना कमी है बहुत!
लोग तो चाँद को, यूँ ही सुन्दर कहें,
वरना तू चाँद से भी, हसीं है बहुत!
भीगकर मेरा मन, मेरा तन झूमता,
ये मोहब्बत की बारिश, घनी है बहुत!
एक पल को भी, तू दूर जाना नहीं,
मेरी आँखों में तुम बिन, नमी है बहुत!
न सताओ मुझे, अब तो आ जाओ तुम,
रात अपने लिए ही, थमी है बहुत!
तू मिली तो मुझे, देख ऐसा लगा,
मेरी तकदीर सच में, धनी है बहुत!
"देव" तुम बिन, मुझे कुछ नहीं चाहिए,
तुमसे ही मेरी दुनिया, बनी है बहुत!"
........चेतन रामकिशन "देव"........
दिनांक-३०.०६.२०१३
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