♥कठिन रास्ते..♥
कठिन रास्ते हैं,
सफर भी है मुश्किल,
मगर फिर भी चलने को जी कर रहा है!
अँधेरा घना है,
चिरागों की तरह,
मगर फिर भी जलने को जी कर रहा है!
मैं जब भी तलाशी जो लेता हूँ दिल की,
सिवा गम के कुछ भी तो मिलता नहीं है!
बहारें खुशी की नहीं आयीं अब तक,
के जीवन में गुल कोई खिलता नहीं है!
मगर फिर भी गम की,
दहकती अगन में,
के मेरा पिघलने को जी कर रहा है!
कठिन रास्ते हैं,
सफर भी है मुश्किल,
मगर फिर भी चलने को जी कर रहा है...
गमों की ये रातें सताती हैं मुझको,
गमों के भी ये दिन भी रुलाते रहे हैं!
के अब तक तो टूटे हैं सारे ही सपने,
मगर ख्वाब हम फिर सजाते रहे हैं!
मुझे "देव" खुद से है इतनी मोहब्बत,
के मैं दर्द में भी, जिये जा रहा हूँ!
मुझे जितने आंसू दिए जिंदगी ने,
के मैं हंसके उनको, पिये जा रहा हूँ!
गमों की घुटन है,
मगर फिर भी मेरा,
के देखो मचलने को जी कर रहा है!
कठिन रास्ते हैं,
सफर भी है मुश्किल,
मगर फिर भी चलने को जी कर रहा है!"
...चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-०७.०७.२०१३
1 comment:
तो श्रीमान् चल दीजिए ना !
Post a Comment