Sunday, 21 July 2013

♥♥सिफारिश..♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥सिफारिश..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरी बस एक झलक पाने की, ख्वाहिश की है!
चाँद से तुझको बुलाने की, सिफारिश की है!

देखते देखते राहें मैं, थक गया तेरी,
मेरी आँखों ने तेरी याद में, बारिश की है!

तेरे ऊपर मैं भला, क्यूँ कोई इल्जाम रखूं,
वक़्त ने फिर से मेरे साथ, ये साजिश की है!

जल गया मेरा जिगर, कोई तो पानी डालो,
दर्द ने फिर से मेरे दिल में, ये आतिश की है!

"देव" कुदरत से बड़ा, कोई नहीं दुनिया में,
मैंने कुदरत से ही खुशियों की, गुजारिश की है!"

..............चेतन रामकिशन "देव".................
दिनांक-२१ .०७.२०१३

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