♥♥♥♥♥♥सावन की बूंद..♥♥♥♥♥♥♥
तेरी चाहत के नए, फूल खिलाने आई!
बूंद सावन की मेरे मन को, भिगाने आई!
नहीं दुनिया में कोई तुमसा खुबसूरत है,
तेरी तस्वीर मेरे दिल को, दिखाने आई!
प्यार पे देखो कड़े पहरे हैं, जमाने के,
चोरी छुपके से यहाँ, हमको मिलाने आई!
अब तो कांटो का कोई, डर मुझे नहीं होता,
मेरे राहों में नए फूल, बिछाने आई!
प्यार के बिन यहाँ इंसान नहीं बन सकते,
सारी दुनिया को हकीक़त ये, सुनाने आई!"
............चेतन रामकिशन "देव"...............
दिनांक-२६.०७.२०१३
तेरी चाहत के नए, फूल खिलाने आई!
बूंद सावन की मेरे मन को, भिगाने आई!
नहीं दुनिया में कोई तुमसा खुबसूरत है,
तेरी तस्वीर मेरे दिल को, दिखाने आई!
प्यार पे देखो कड़े पहरे हैं, जमाने के,
चोरी छुपके से यहाँ, हमको मिलाने आई!
अब तो कांटो का कोई, डर मुझे नहीं होता,
मेरे राहों में नए फूल, बिछाने आई!
प्यार के बिन यहाँ इंसान नहीं बन सकते,
सारी दुनिया को हकीक़त ये, सुनाने आई!"
............चेतन रामकिशन "देव"...............
दिनांक-२६.०७.२०१३
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