♥♥♥♥♥♥♥♥एहसासों का रिश्ता....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी!
एहसासों का रिश्ता तुमसे, तुमसे दिल की नातेदारी!
अपनी छाया देकर के तुम, मन को शीतल कर देती हो,
सखी तेरे बिन सूनी लगती, मुझको तो ये दुनियादारी!
जब तुम हंसती मुस्काती हो, तो सरसों के फूल बरसते!
सखी तेरे दर्शन पाने को, हर पल मेरे नैन तरसते!
और जब दर्शन हो जाते हैं, तो मन पुलकित हो जाता है!
तेरी सोच में, तेरे ख्वाब में, मेरा ये दिल खो जाता है!
तुमको पाकर झूम रहा मैं, महक रही है ये फुलवारी!
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी…।
हर पीड़ा की दवा तुम्हीं हो, एहसासों की खान तुम्ही हो!
इस दुनिया में मेरे प्रेम की, एक सुन्दर पहचान तुम्ही हो!
"देव" तुम्हारी प्यारी सूरत, मेरी रूह में समा रही है!
प्यार बिना सब कुछ सूना है, मुझको वो ये बता रही है!
तुमको पाकर सूख गयी है, वो आंसू की नदिया खारी!
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी!"
.....................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-१०.०९.२०१३
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी!
एहसासों का रिश्ता तुमसे, तुमसे दिल की नातेदारी!
अपनी छाया देकर के तुम, मन को शीतल कर देती हो,
सखी तेरे बिन सूनी लगती, मुझको तो ये दुनियादारी!
जब तुम हंसती मुस्काती हो, तो सरसों के फूल बरसते!
सखी तेरे दर्शन पाने को, हर पल मेरे नैन तरसते!
और जब दर्शन हो जाते हैं, तो मन पुलकित हो जाता है!
तेरी सोच में, तेरे ख्वाब में, मेरा ये दिल खो जाता है!
तुमको पाकर झूम रहा मैं, महक रही है ये फुलवारी!
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी…।
हर पीड़ा की दवा तुम्हीं हो, एहसासों की खान तुम्ही हो!
इस दुनिया में मेरे प्रेम की, एक सुन्दर पहचान तुम्ही हो!
"देव" तुम्हारी प्यारी सूरत, मेरी रूह में समा रही है!
प्यार बिना सब कुछ सूना है, मुझको वो ये बता रही है!
तुमको पाकर सूख गयी है, वो आंसू की नदिया खारी!
मन के दर्पण पर अंकित है, छवि तुम्हारी प्यारी प्यारी!"
.....................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-१०.०९.२०१३
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