♥♥♥♥जरा सा दिल...♥♥♥♥♥♥
शब्दों का कद तो बड़ा है लेकिन,
देखो सीने में दिल जरा सा है!
मैंने घावों पे मला जबसे नमक,
तब से हर घाव कुछ भरा सा है!
कैसे कोई किसी का दर्द सुने,
दिल का एहसास अब मरा सा है!
जब से पाए हैं, इश्क में आंसू,
तब से दिल प्यार से डरा सा है!
देखकर सूखा कोई फूंक न दे,
पेड़ पतझड़ में भी हरा सा है!
मेरा चेहरा भले ही उजला नहीं,
दिल मेरा पर बहुत खरा सा है!
"देव" मंजिल की झलक दिखने लगी,
काम जब हाथ से करा सा है!"
…चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-१०.१०.२०१३
शब्दों का कद तो बड़ा है लेकिन,
देखो सीने में दिल जरा सा है!
मैंने घावों पे मला जबसे नमक,
तब से हर घाव कुछ भरा सा है!
कैसे कोई किसी का दर्द सुने,
दिल का एहसास अब मरा सा है!
जब से पाए हैं, इश्क में आंसू,
तब से दिल प्यार से डरा सा है!
देखकर सूखा कोई फूंक न दे,
पेड़ पतझड़ में भी हरा सा है!
मेरा चेहरा भले ही उजला नहीं,
दिल मेरा पर बहुत खरा सा है!
"देव" मंजिल की झलक दिखने लगी,
काम जब हाथ से करा सा है!"
…चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-१०.१०.२०१३
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