♥♥♥♥ज्वार भाटा..♥♥♥♥♥♥
बड़ी मुश्किल से मैंने काटा है!
दर्द का ये जो ज्वार भाटा है!
खून से मेरे हाथ भीग गए,
मैंने काँटों को अपने छांटा है!
मेरे अश्कों की हिफाजत के लिए,
मुझे कुदरत ने दर्द बांटा है!
देखकर गम न मुझसे पूछे कोई,
अपने सीने में इसे पाटा है!
देखो गाँधी के मुल्क में भी अब,
आज इंसानियत में घाटा है!
उसको होती है कद्र मंजिल की,
जिसने काँटों का सफर काटा है!
"देव" हिम्मत के आगे दुनिया में,
देखो कद मुश्किलों का नाटा है!"
..…चेतन रामकिशन "देव".....
दिनांक-१४.१०.२०१३
बड़ी मुश्किल से मैंने काटा है!
दर्द का ये जो ज्वार भाटा है!
खून से मेरे हाथ भीग गए,
मैंने काँटों को अपने छांटा है!
मेरे अश्कों की हिफाजत के लिए,
मुझे कुदरत ने दर्द बांटा है!
देखकर गम न मुझसे पूछे कोई,
अपने सीने में इसे पाटा है!
देखो गाँधी के मुल्क में भी अब,
आज इंसानियत में घाटा है!
उसको होती है कद्र मंजिल की,
जिसने काँटों का सफर काटा है!
"देव" हिम्मत के आगे दुनिया में,
देखो कद मुश्किलों का नाटा है!"
..…चेतन रामकिशन "देव".....
दिनांक-१४.१०.२०१३
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