Friday, 22 November 2013

अगर चांदनी बन मेरा..

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥अगर चांदनी बन मेरा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दमकने लगूंगा के मैं चाँद बनकर, अगर चांदनी बन मेरा साथ दो तुम!
बिखर जाऊंगा बनके लाली सुबह की, अगर सूर्य बनकर के प्रभात दो तुम!
मैं हंसकर करूँगा सफर साथ पूरा, जो हाथों में मेरे अगर हाथ दो तुम,
मेरे दिल में खुशियों की फसलें उगेंगी, अगर प्यार की एक बरसात दो तुम!

जो तुम साथ में हो तो चांदी क्या सोना, मोहब्बत तुम्हारी मुझे है जरुरी!
बिना तेरे कुछ भी नहीं मेरा जीवन, इनायत तुम्हारी मुझे है जरुरी!

मुझे देके हमदम सुबह सुबह प्यारी, सितारों से सुन्दर सजी रात दो तुम!
दमकने लगूंगा के मैं चाँद बनकर, अगर चांदनी बन मेरा साथ दो तुम.....

नज़ारे ख़ुशी के तुम्ही से हैं हमदम, मेरी जिंदगी का सहारा तुम्ही हो!
तुम्ही मेरी हिम्मत, यकीं मेरा तुमसे, के तूफां में मेरा किनारा तुम्ही हो!
सुनो "देव" मेरे कलम में वसे तुम, के शब्दों में भावों की धारा तुम्ही हो,
तुम्हे पाके देखो खिला मेरा जीवन, के किस्मत का मेरी सितारा तुम्ही हो!

है तुमसे ही सीखी इबादत ये मैंने, तेरे साथ ने मुझको पावन किया है!
मेरे मन को बख्शे मोहब्बत के बादल, के तुमने मेरे दिल को सावन किया है!

शहद मेरे कानों में घुलने लगेगा, अगर प्यार वाली मधुर बात दो तुम!
दमकने लगूंगा के मैं चाँद बनकर, अगर चांदनी बन मेरा साथ दो तुम!"

.........................…चेतन रामकिशन "देव"..............................
दिनांक-२२ .११.२०१३

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