Tuesday 5 November 2013

♥♥देखने सोचने में....♥♥

♥♥♥♥♥देखने सोचने में....♥♥♥♥♥♥♥
देखने सोचने में, वक़्त नहीं ज़ाया करो!
हम तो आ जायेंगे एक पल में, तुम बुलाया करो !

मैं तो नादां हूँ, मुझे प्यार नहीं आता है,
अपने लफ्जों से मुझे प्यार, तुम सिखाया करो!

चांदनी से मेरे चेहरे की, सजावट करके,
तोड़कर तारे मेरी मांग को, तुम लाया करो!

बिन तेरे दिन न मेरी, रात गुजरती देखो,
एक पल को ही सही, पास मेरे आया करो!

रात का स्याह अँधेरा, जो डराये तुमको,
एक दीपक मेरी यादों का, तुम जलाया करो!

धूप सूरज की मेरे पाओं, जलाये जब भी,
बनके सावन की घटा, मुझपे सखी छाया करो!

"देव"  नफरत का असर, खुद ही ये मिट जायेगा,
प्यार के गीत मुझे, हर घड़ी सुनाया करो!"

…....…चेतन रामकिशन "देव"…....... 
दिनांक-०५.११.२०१३

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