♥♥♥♥♥♥♥♥♥कट जायेगा सफ़र ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा!
मिल जायेगी हमें सफलता, यदि लक्ष्य का होश रहेगा!
फूल खिलेंगे पतझड़ में भी, जब तक मन में जोश रहेगा,
किस्मत कैसे सुधरेगी जब, मेहनत में ही दोष रहेगा!
नाकामी के भाव संजोकर, नहीं उजाला मिल सकता है!
बिन साहस के कोई सपना, नहीं जहां में खिल सकता है!
नहीं रहो तुम भाग्य भरोसे, वरना तो अफसोस रहेगा!
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा.....
आसमान के तारे अपनी, झोली में तुम भरना सीखो!
नही रहो तुम सहमे सहमे, खुद को साबित करना सीखो!
"देव" नहीं तुम भूले से भी, नाकामी से डरना सीखो,
नहीं हारकर मुरझाना तुम, जोश रगों में भरना सीखो!
नहीं सीखकर आता कोई, ज्ञान सभी को जग में मिलता!
जो करते हैं कदर प्यार की, उन्हें प्यार का सागर मिलता!
तभी मिला सकते हो नजरें, जब ये मन निर्दोष रहेगा!
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा!"
...................…चेतन रामकिशन "देव"…..............
दिनांक-०२.१२.२०१३
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा!
मिल जायेगी हमें सफलता, यदि लक्ष्य का होश रहेगा!
फूल खिलेंगे पतझड़ में भी, जब तक मन में जोश रहेगा,
किस्मत कैसे सुधरेगी जब, मेहनत में ही दोष रहेगा!
नाकामी के भाव संजोकर, नहीं उजाला मिल सकता है!
बिन साहस के कोई सपना, नहीं जहां में खिल सकता है!
नहीं रहो तुम भाग्य भरोसे, वरना तो अफसोस रहेगा!
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा.....
आसमान के तारे अपनी, झोली में तुम भरना सीखो!
नही रहो तुम सहमे सहमे, खुद को साबित करना सीखो!
"देव" नहीं तुम भूले से भी, नाकामी से डरना सीखो,
नहीं हारकर मुरझाना तुम, जोश रगों में भरना सीखो!
नहीं सीखकर आता कोई, ज्ञान सभी को जग में मिलता!
जो करते हैं कदर प्यार की, उन्हें प्यार का सागर मिलता!
तभी मिला सकते हो नजरें, जब ये मन निर्दोष रहेगा!
कट जायेगा सफ़र ख़ुशी से, मन में गर संतोष रहेगा!"
...................…चेतन रामकिशन "देव"…..............
दिनांक-०२.१२.२०१३
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