♥♥♥♥♥दोस्त बनकर...♥♥♥♥♥♥
दोस्त बनकर रक़ीब मत करना!
तुम मुझे बदनसीब मत करना!
क्या हुआ पास जो नहीं दौलत,
दिल से खुद को गरीब मत करना!
बिन तेरे मैं जो जी नहीं पाऊँ,
मुझको इतना करीब मत करना!
लोग पढ़कर के जो करें रंजिश,
खुद को ऐसे अदीब मत करना!
जिनको न कद्र हो मोहब्बत की,
"देव" उनको हबीब मत करना!"
......चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-०९.१२.२०१३
दोस्त बनकर रक़ीब मत करना!
तुम मुझे बदनसीब मत करना!
क्या हुआ पास जो नहीं दौलत,
दिल से खुद को गरीब मत करना!
बिन तेरे मैं जो जी नहीं पाऊँ,
मुझको इतना करीब मत करना!
लोग पढ़कर के जो करें रंजिश,
खुद को ऐसे अदीब मत करना!
जिनको न कद्र हो मोहब्बत की,
"देव" उनको हबीब मत करना!"
......चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-०९.१२.२०१३
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